मध्य प्रदेश नवंबर गतिविधि – जिम्मेदारियों की भागीदारी

  1. विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धी/सहकारी संघवाद और उनके कामकाज का एक वास्तविक और व्यापक विचार प्रदान करना।
  2. उन्हें इस बात से अवगत कराना कि वे समाज के सक्रिय सदस्य बनकर देश के बड़े लक्ष्यों में कैसे योगदान दे सकते हैं।

कौशल में अपेक्षित सुधार- तार्किक सोच, समस्या-समाधान और अनुसंधान कौशल का विकास-

क्रमांक सत्र विवरण अनुमानित समय
1. गतिविधि से पहले

शिक्षक कृपया चरण 1, 2 और 3 का पालन करें।

45 मिनट
2. कक्षा गतिविधि

शिक्षक कृपया चरण 4,5 और 6 का पालन करें।

45 मिनट

सत्र 1

चरण 1: गतिविधि का परिचय और चर्चा

हम विद्यार्थियों से यह पूछकर सत्र की शुरुआत करेंगे कि क्या वे हमारे देश के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग के बारे में जानते हैं? उनसे पूछें कि क्या वे जानते हैं कि भारत का सबसे स्वच्छ शहर कौन सा है?

एक बार जब वे इस प्रश्न का उत्तर दें, तो उसके बाद उन्हें भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के बारे में बताएं। भारत सरकार के आवासन और सरकारी शहरी कार्य मंत्रालय स्वच्छ भारत अभियान योजना के तहत सालाना राष्ट्रीय शहर रेटिंग प्रकाशित करता है। रेटिंग में शहरों को उनकी आबादी के अनुसार शामिल किया गया है। यह प्रतियोगिता तेज गति से शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए बनाई गई है।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की नवीनतम रैंकिंग में इंदौर को भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। इंदौर ने लगातार छह वर्षों तक भारत का सबसे स्वच्छ शहर होने का खिताब अपने नाम किया है।

SWACHH SURVEKSHAN (sbmurban.org)

 

स्वच्छता सर्वेक्षण 2022
10 लाख से अधिक आबादी वाले भारत के शीर्ष 20

सबसे स्वच्छ शहर

1) इंदौर

2) सूरत

3) नवी मुंबई

4) विशाखापत्तनम

5) विजयवाड़ा

6) भोपाल

7) राजकोट

8) अहमदाबाद

9) पुणे

10) हैदराबाद

11) रायपुर

12) गाजियाबाद

13) ठाणे

14) वडोदरा

15) मेरठ

16) प्रयागराज

17) लखनऊ

18) ग्वालियर

19) पिंपरी-चिंचवाड़

20) नासिक

 

आज के सत्र में हम केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों सहित सरकार की सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघीय प्रकृति के बारे में जानेंगे। हमें यह भी पता चलेगा कि देश के लिए बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे एक-दूसरे के साथ जिम्मेदारियों को कैसे साझा करते हैं।

इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं।

उदाहरण- स्वच्छ भारत अभियान

चरण 2: परिप्रेक्ष्य- स्वच्छ भारत अभियान

Swachh Bharat Abhiyan has brought about a behavioural change among the citizens: PM - YouTube (optional)

शिक्षक वीडियो लिंक के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ कुछ बुनियादी जानकारी साझा कर सकते हैं या समझा सकते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की शुरुआत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि के रूप में की गई थी। स्वच्छ भारत मिशन एक सम्मिलित मिशन  है जो देश में सार्वभौमिक स्वच्छता प्राप्त करने, स्वच्छता में सुधार लाने और खुले में शौच मुक्त इत्यादि प्रयासों में तेजी लाने के लिए सबसे बड़े अभियानों में से एक है। स्वच्छ भारत मिशन में ग्रामीण और शहरी दोनों घटक हैं - स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MOUD) स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) का प्रभारी है और पेय और स्वच्छता विभाग मंत्रालय (MDWS) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का प्रभारी है और समग्र मिशन MDWS द्वारा समन्वित है।

Competitive Federalism | NITI Aayog

शिक्षकों से अनुरोध है कि वे जानकारी के आधार पर दिए गए आरेख को बनाएं या उपलब्धता के अनुसार प्रिंटआउट प्रदर्शित करें।

शिक्षक अभियान की यात्रा को आरेख के माध्यम से समझा सकते हैं और बता सकते हैं कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए मिशन को राज्य स्तर पर कैसे लागू किया गया है। विद्यार्थियों को बताएं कि यह राज्य स्तर से शहर स्तर तक जाता है और अंत में प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचता है।

शिक्षक विद्यार्थियों से कुछ ऐसे व्यक्तियों का नाम लेने के लिए कह सकते हैं जो स्वच्छ भारत अभियान में विभिन्न स्तरों पर शामिल हैं।

जैसे-

  • वित्त मंत्री- कार्यक्रम को चलाने के लिए बजट आवंटित करते हैं।
  • महापौर - शहर में विभिन्न स्वच्छता अभियान शुरू करते हैं।
  • सफाई कर्मी - शहर की सड़कों की सफाई करता है।
  • शिक्षक- विद्यार्थियों को स्वच्छता अभ्यास प्रशिक्षण देते हैं
  • विद्यार्थी- स्वयं स्वच्छता का अभ्यास करें।

जब विद्यार्थी प्रश्न का उत्तर दे रहे हों उस दौरान शिक्षक बोर्ड पर भूमिकाएँ लिख सकते है।

अंत में, शिक्षक यह कहकर सत्र का समापन कर सकते हैं कि हम देख सकते हैं कि बहुत से लोग हमारे देश को स्वच्छ रखने के मिशन में शामिल हुए हैं। यह हमारे देश में संघीय शक्तियों के बंटवारे का एक उदाहरण है।

चरण 3: अगली कक्षा के लिए योजना बनाएं

शिक्षक विद्यार्थियों को बता सकते हैं कि उन्होंने जिस तरह से डायग्राम बनाया था और स्वच्छ भारत अभियान से संबंधित सरकारी निकायों के बीच जिम्मेदारियों को साझा करने के बारे में समझाया था, उसी तरह दिशा-निर्देशों का उपयोग करके विद्यार्थी दिए गए विषय को अगली कक्षा में समूहों में प्रस्तुत करेंगे।

प्रस्तुति के लिए विषय: समग्र जल प्रबंधन सूचकांक

संदर्भ लिंक: https://youtu.be/zUu4jL_0ifk

Madhya Pradesh Best Practices pdf.pdf

विषय पर जानकारी:

भारत अपने इतिहास के सबसे भीषण जल संकट से जूझ रहा है और इस से लाखों लोगों का जीवन और आजीविका खतरे में है। सुरक्षित पानी की अपर्याप्त पहुंच के कारण हर साल लगभग दो लाख लोग मर रहे हैं। यह संकट और गहराने वाला है। 2030 तक, देश की पानी की मांग उपलब्ध आपूर्ति से दोगुनी होने का अनुमान है, जिसका अर्थ है कि करोड़ों लोगों के लिए पानी की गंभीर कमी है।

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) आयोग ने इस बढ़ते संकट की स्थिति में भारतीय राज्यों में प्रभावी जल प्रबंधन को सक्षम करने के लिए समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (CWMI) विकसित किया है।

इस सूचकांक से देश में 'प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद' की भावना को बढ़ावा देने और जल संसाधनों के स्थायी और प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने की उम्मीद है। सूचकांक में शामिल डेटा को क्षेत्र में नवीनता को बढ़ावा देने के लिए शोधकर्ताओं और उद्यमियों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। इस रणनीतिक डेटासेट का संग्रह और संकलन देश के अनुमानित जल जोखिम और कमी को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

  1. कक्षा को 5-6 समूहों में विभाजित करें।
  2. प्रत्येक समूह जल प्रबंधन सूचकांक के लिए जिम्मेदार सरकारी निकायों और अन्य हितधारकों का एक फ्लो चार्ट तैयार करेगा।
  3. समूह नीचे दिए गए प्रश्नों पर शोध करेंगे (वरिष्ठों या स्कूल प्रशासन कर्मचारियों से मदद लेंगे) और उन्हें फ्लो चार्ट की मदद से समझाएंगे।
  • आपके क्षेत्र में जलापूर्ति की क्या स्थिति है?
  • आपके क्षेत्र या आपके विद्यालय में पानी की क्या गुणवत्ता है?
  • स्थानीय स्तर पर जल गुणवत्ता मानकों को बनाए रखना कौन सुनिश्चित करता है?
  • स्थानीय स्तर पर इसे बनाए रखने के लिए विभिन्न विभाग, सरकार, गैर सरकारी संगठन और नागरिक, जिम्मेदारियों को कैसे साझा करते हैं?
  • राज्य के विभागों और केंद्र सरकार की इस में क्या भूमिका है?
  1. समूह के प्रतिनिधि अगली कक्षा में फ्लोचार्ट के बारे में भी बताएंगे और जल प्रबंधन में भावी नागरिकों के रूप में विद्यार्थियों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताएंगे।

अगली कक्षा में प्रस्तुति के लिए विद्यार्थी अपनी रचनात्मकता का उपयोग कर सकते हैं। वे इसे एक सादे शीट/मौखिक रूप से/प्लेकार्ड पर चित्रित कर सकते हैं।

 

सत्र 2

चरण 4: फ़्लोचार्ट और प्रस्तुतियों का प्रदर्शन

  • फ्लो चार्ट प्रदर्शित करने के लिए समूहों को एक-एक करके आमंत्रित करें और फ्लो चार्ट में उल्लिखित सरकारी निकायों के संबंधों को मौखिक रूप से स्पष्ट करें। विद्यार्थी प्रत्येक स्तर पर एक लिंकेज की व्याख्या कर सकते हैं। एक ही तरह की व्याख्या 2 बार से ज्यादा न हो, शिक्षक कृपया यह नियंत्रित करें |

जैसे,

केंद्रीय स्तर - प्रधानमंत्री, नीति निर्माता, जल शक्ति मंत्री आदि।
राज्य स्तर- मंत्री एवं मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग एवं इसके अधिकारी जैसे मुख्य अभियंता, परियोजना प्रबंधक आदि।

स्थानीय स्तर- नगर निगम और उसके कर्मचारी जैसे कार्यालय क्लर्क, जल गुणवत्ता जांच अधिकारी,

  • ग्रुप लीडर फ्लो चार्ट में उल्लिखित विभिन्न सरकारी निकायों के बीच संबंधों की व्याख्या करेगा और साझा करेगा कि कैसे विद्यार्थी देश के जल सूचकांक लक्ष्य में योगदान कर सकते हैं।
  • सभी समूहों के फ्लो चार्ट कक्षा में प्रदर्शित किए जाएंगे।

 

चरण 5: गतिविधि का सारांश करें

सभी प्रतिभागियों को उनके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए सराहा जाएगा।शिक्षकों से अनुरोध है कि वे अनुवर्ती प्रश्न पूछकर गतिविधि का सारांश करें,  जैसे-·

  • संघवाद और सरकारी निकायों द्वारा जिम्मेदारियों को साझा करने का क्या अर्थ है?·
  • सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद किसी देश या सरकार के बड़े लक्ष्यों को पूरा करने में कैसे मदद करता है? कृपया चर्चा करें।

कृपया यह कहकर समापन करें कि संघवाद जो सहकारी और प्रतिस्पर्धी है, यह एक ही सिक्के के दो पहलू हो सकते हैं, क्योंकि अकेले प्रतिस्पर्धा सर्वोत्तम परिणाम नहीं दे सकती है, सहयोग के साथ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए जो वास्तविक परिवर्तन लाएगी।

चरण 6: रिफ्लेक्शन शीट और फीडबैक फॉर्म

शिक्षकों से अनुरोध है कि वे फीडबैक फॉर्म भरें और छात्रों को रिफ्लेक्शन शीट समझाएं और उन्हें घर पर भरने के लिए कहें।

अस्वीकरण - समूह गतिविधि के लिए उल्लिखित बयान का उद्देश्य किसी भी अभियान का पक्ष लेना या नुकसान पहुंचाना नहीं है। इनका उल्लेख केवल ज्ञान बढ़ाने, हमारे देश में सरकार की बुनियादी संघीय प्रकृति के साथ संबंध विकसित करने और छात्रों की समस्या-समाधान कौशल विकसित करने के लिए किया गया है।

स्वच्छ भारत अभियान में भोपाल कैसे भाग ले रहा है यह देखने के लिए लिंक:

Swachh Bharat- Swachh Bharat Abhiyan a nation-wide campaign in India (mygov.in)

Report of Sub-Group of Chief Ministers on Swachh Bharat Anhiyaan.pdf (niti.gov.in)

संमिश्रित जल संसाधन प्रबंधन के लिए संदर्भ लिंक

Composite Water Management Index | NITI Aayog

p201982301.pdf (pib.gov.in) Water Index 2.0

Ministry of Jal Shakti

स्वच्छ भारत के लिए अतिरिक्त संदर्भ:

https://youtu.be/Hde8pZXDN1I

प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद

2017 में, नीति आयोग ने प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद का आह्वान किया था।

भारत में सभी राज्यों के समावेशी विकास के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद दोनों का मिश्रण होना जरूरी है।

  • सहकारी संघवाद प्रारूप में केंद्र और राज्य सरकारें राष्ट्र के समग्र विकास के लिए एक दूसरे का सहयोग करती हैं। इस प्रारूप में राज्य सरकारें भी देश की राष्ट्रीय नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में भाग ले सकती हैं।
  • भारत के संविधान में अंतरराज्यीय परिषद, क्षेत्रीय परिषद, अनुसूची VII, आदि में सहकारी संघवाद का प्रावधान हैं।
  • जैसे, जीएसटी के लागू होने से सहकारी संघवाद की अवधारणा को बल मिला है।
  • प्रतिस्पर्धी संघवाद का मुख्य उद्देश्य देश के आर्थिक लाभ के लिए राज्यों और केंद्र के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना है।
  • जब भारत ने वैश्वीकरण के लिए अपने दरवाजे खोले, तो विभिन्न संसाधनों के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हुई। इससे राज्यों के बीच असंतुलन और असमानता पैदा हुई।
  • वर्तमान में, प्रतिस्पर्धी संघवाद अलग-अलग राज्यों के आर्थिक विकास को तेज दर से बढ़ाने के लिए एक कुशल जरिया बन गया है।

संदर्भ के लिए फ्लो चार्ट के उदाहरण:  (यह छवि विषय से संबंधित हो भी सकती है और नहीं भी।)

किसी प्रवाह चार्ट का रिक्त नमूना

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